Rahat Indori Shayri- Bulati Ha


1.1 द्वारा Delight Dev
May 6, 2020

Rahat Indori Shayri- Bulati Ha के बारे में

यह एप्लिकेशन डॉ। राहत इंदौरी की सर्वश्रेष्ठ शायरी का संग्रह है

Has उर्दू या हिंदी कविता में रुचि रखने वाले किसी भी व्यक्ति को डॉ। राहत इंदौरी को जानना चाहिए। वह अपनी उर्दू शायरी, ग़ज़ल और कविता के लिए प्रसिद्ध हैं। वह एक महान हिंदी गीतकार हैं और हिंदी में सैकड़ों हिंदी कविता लिख ​​चुके हैं। डॉ। राहत इंदौरी का जन्म 1 जनवरी 1950 को मध्य प्रदेश के इंदौर में हुआ था।

💖 Is App me aap urdu ke jane mane shayar Dr Rahat Indori ki mashoor shayari padhege। याहा आपको अनवारा द्वारि लिहि उरु शायरी और ग़ज़ल मिलेगी जो बिना चचे वालो न बहोत पसंद की है। Agar aap Indori saab ki shayari in Hindi padhna chahte hai to app aapke liye bilkul sahi sabit hogi।

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Ha “बुलती है सागर जाने का नै

ये दुइया है इधर जान का ना

KMere bete kisi se ishq kar

मगर ने सिपाही जाँ का क्या नाइ

Hiकुशादा ज़र्फ होन चहिये

छलक जान के घर जाने का

Ungसतारे नच कर ले जाउंगा

मैं खली हठ घर जान वला नई

Afवाबा फेलि हुइ है हर तराफ

अबी मौहुल मार जाण का नै

Apवह बागान नपता है, नप ले

मगर ज़ालिम से डर जाना क्या "

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💖Ye डॉ। शीब की बहोत ही मशूर शायरी है। सोशल मीडिया पर धूम मचाई है में शकीरी हैं। Unki वीडियो वायरल हुई है टिक-टोक बराबर भीत शेयर हुइ है। क्या शायरी बराबर बहोत जायदा मेमे सोशल मीडिया पर वायरल हुयी है बाहुत है लोगो को तू पीता भी नहीं क्या डॉ। राहत इंदौरी की शायरी के बोल हैं।

💞💞राहत इंदौरी शायरी- 2 लाइन्स Ind

Onमनी आपनी आंखें से लाहू चालका दीया,

इक समंदर के रहै ठा मुजको पानि चहिये।

Koबहुत गुरूर है दरिया कोई अपना है पर,

जो मेरी प्यास से उलजे तोह धज्जियां उण जियें।

Ereआते जते हैं क्या रंग रंग मेरे,

लॉग लेट हैन माज़ा ज़िक्र तुम्हार कर के।

💞💞 राहत इंदौरी शायरी- 4 लाइन्स ori

Zamअब ना मुख्य हुन, ना बाकि है ज़माना मेरे,

फिर भी मशूर हैं शाहरन में फसेन मेरे,

ज़िन्दगी है तो है ना ज़ख्म भी है लगेंगे,

अब भई बाकि हैं काई दोस्त पुराण मेरे।

Baलू भी चलति थी तो बड़-ए-शबा केते,

पानव फेलायए अंधेरों को दीया के,

उनका अंजाम तुझ याद न आए है,

और भी लोग जो खोद को खुदा केहते हैं।

Harहाथ खली हैं तेरे शहर से जते जते,

जान होति तोह मेरी जान लूटते जते,

अब तो हर हाथ का पट्थर ह्यूमिन पहंचता है,

उमर गुजरी है तेरे शाहर में ऐ जते।

Kचेहरन के लिये आयने कुर्बान की है,

इस शुक में अपना बडे नुक्सान क्या है,

महफिल में मुजे गलियां देकार है बहोत खुश,

जस शखस पर मन बडे एहसान के हैं।

Inतेरी हर बात मोहब्बत में गँवाड़ा करके,

दिल के बाजर में बइठे हैं खसरा करके,

मुख्य वो दरिया हुन के हर बून्द भँवर है जिस्की,

तमने अच्चा हाय किया है मुजसे किन्नर करके।

Oअंखों में पाणि राखो हुनतो पे चिंगारी राखो,

ज़िंदा रहना है तो तर्किबीन बहोत साड़ी रोको,

एक ही नाडी के हैं ये दो कौनरे दोस्तो,

दोस्ताना जिंदगी से मात से यारी राखो।

Meअजीब लोग हैं मेरी मेरी तन्हा मुजको,

वहाण पार धोंध रहै नहीं जानहिं हं मुख्य,

मुख्य आयिनो से तोह मायूस लुट अया हुन,

मगर केसी ने बटैया बहोत हसीन हुन मुख्य।

Inअज्नाबी ख्वाहिशें सीन में दाबा है ना सकून,

ऐस ज़िद्दी हैं परिंदे के उड़े भी ना सकुन,

फुनक दलुंगा केसी रोज मुख्य दिल की दुनीया,

ये तेरा खात तो नहि के जाला भई न सकुन।

Seहाथ खली हैं तेरे शेहर से जाना-जाना,

जान होति तोह मेरी जान लूटते जात,

अब तो हर हाथ का पाथर ह्यूमिन पहंचता है,

उमर गुजरी है तेरे शेहर में ऐते जात।

💞💞 रहत इंदौरी शायरी-ग़ज़लें ori

💖तजलियोन का नाया दयरा बनाने में;

मेरे चिरग लागे हैं बन बाने में।

AnaAde zid pe ke suraj बनके छोडेगे;

पसिने छूत गइके एक दीया बन्ने में।

Khमेरी निगाहे मुझे शा शमी आदी भी नहीं

जीस लग जा ज़माना ख़ुदा बनाने में

Kअभि इन्हिं न परिसन करौ मसिहौं

मरिज़ उलझे हुए हैं दव बानाने में

Arतमाम उमर मुज डर-बा-दार जो कटे राहे

लगे हं मेरा मेरा मकबरा बनाने में

💖य चन्द लोगे जो बस्ती मे सबे अछे हैं

इन्हि का हाथ है मुजको बूरा बनाने में

ऐस ही बहूत साड़ी शायरी आफको ऐप है पैर मिलेगी।

धन्यवाद।

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