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Psalm 18 आइकन

1.11 by Apps Croy


Jun 6, 2024

Psalm 18 के बारे में

बहुत बढ़िया भजन

1 (मुख्य संगीतज्ञ, यहोवा के दास दाऊद का एक भजन, जिस दिन यहोवा ने इस गीत के शब्दों को यहोवा से कहा था, उस दिन यहोवा ने उसे उसके सभी शत्रुओं के हाथ से, और शाऊल के हाथ से बचाया था) : और उस ने कहा, हे मेरे बल यहोवा, मैं तुझ से प्रीति रखूंगा।

2 यहोवा मेरी चट्टान, और मेरा गढ़, और मेरा छुड़ानेवाला है; हे मेरे परमेश्वर, मेरा बल जिस पर मैं भरोसा रखूंगा; मेरा कवच, और मेरे उद्धार का सींग, और मेरा ऊंचा गुम्मट।

3 मैं यहोवा को जो स्तुति के योग्य है पुकारूंगा; इसलिथे मैं अपके शत्रुओं से बचूंगा।

4 मृत्यु के शोक ने मुझे घेर लिया, और अधर्मी लोगों की बाढ़ ने मुझे डरा दिया।

5 नरक के दु:ख ने मुझे घेर रखा है, मृत्यु के फन्दों ने मुझे रोक रखा है।

6 अपके संकट में मैं ने यहोवा को पुकारा, और अपके परमेश्वर की दोहाई दी; उस ने अपके मन्दिर में से मेरा शब्द सुना, और मेरी दोहाई उसके साम्हने उसके कानोंमें पड़ी।

7 तब पृय्वी कांप उठी और कांप उठी; पहाड़ की नेव भी हिल गई, और हिल गई, क्योंकि वह क्रोधित हुआ था।

8 उसके नथनों से धूआं निकला, और उसके मुंह से आग निकली, और अंगारे उससे भड़क उठे।

9 और वह आकाश को भी झुकाकर नीचे आया, और उसके पांवोंके नीचे अन्धकार छा गया।

10 और वह एक करूब पर सवार होकर उड़ गया; हां, वह वायु के पंखों पर चढ़ गया ।

11 उस ने अन्धकार को अपना गुप्त स्थान बनाया; उसके चारों ओर उसका मंडप काले पानी और आसमान के घने बादल थे।

12 उसके आगे जो तेज था, उस से उसके घने बादल छा गए, और ओले, और अंगारे निकल गए।

13 यहोवा भी आकाश में गरज उठा, और परमप्रधान ने अपना शब्द कहा; ओले पत्थर और आग के अंगारों।

14 वरन उस ने अपके तीर चलाकर उन्हें तितर-बितर किया; और उस ने बिजली मारी, और उन्हें ढांढस बंधाया।

15 तब जल के नाले दिखाई दिए, और हे यहोवा, तेरे नथनोंके झोंके से तेरी घुड़की से जगत की नेव प्रगट हुई।

16 उस ने ऊपर से भेजकर मुझे पकड़ लिया, और बहुत जल में से निकाल लिया।

17 उस ने मुझे मेरे बलवन्त शत्रु से, और उन से जो मुझ से बैर रखते थे, छुड़ाया, क्योंकि वे मुझ से बहुत बलवन्त थे।

18 उन्होंने मेरी विपत्ति के दिन मुझे रोका, परन्तु यहोवा मेरा निवास था।

19 वह मुझे भी एक बड़े स्यान में निकाल लाया; उसने मुझे छुड़ाया, क्योंकि वह मुझ से प्रसन्न था।

20 यहोवा ने मुझे मेरे धर्म के अनुसार बदला दिया है; मेरे हाथ की पवित्रता के अनुसार उस ने मुझे बदला दिया है।

21 क्योंकि मैं यहोवा के मार्गों पर चला हूं, और दुष्टता से अपके परमेश्वर से दूर नहीं हुआ हूं।

22 क्योंकि उसके सब नियम मेरे साम्हने थे, और मैं ने उसकी विधियोंको अपके पास से दूर न किया।

23 मैं भी उसके साम्हने सीधा खड़ा रहा, और अपके अधर्म से बचा रहा।

24 इस कारण यहोवा ने मुझे मेरे धर्म के अनुसार बदला दिया है, जैसा कि उस ने अपनी दृष्टि में मेरे हाथों की पवित्रता के अनुसार दिया है।

25 दयालु के साथ तू अपने आप को दयालु दिखाएगा; खरे मनुष्य के साथ तू अपके आप को सीधा प्रगट करेगा;

26 शुद्ध के साथ तू अपके को शुद्ध दिखाएगा; और फ्रॉड के साथ तू अपने आप को दिखा देगा।

27 क्योंकि तू दीन लोगों का उद्धार करेगा; लेकिन उच्च रूप को नीचे लाएगा।

28 क्योंकि तू मेरा दीया जलाएगा, मेरा परमेश्वर यहोवा मेरे अन्धकार को प्रकाशमान करेगा।

29 क्योंकि मैं तेरे द्वारा एक दल को दौड़ाकर दौड़ा आया हूं; और मैं ने अपके परमेश्वर की ओर से शहरपनाह पर छलांग लगाई है।

30 परमेश्वर का मार्ग खरा है; यहोवा का वचन परखा जाता है; वह सब के लिथे जो उस पर भरोसा रखता है, एक अन्धकार है।

31 क्योंकि यहोवा को बचानेवाला परमेश्वर कौन है? या चट्टान कौन है हमारे परमेश्वर को बचा?

32 यह तो परमेश्वर है, जो बल से मेरी कमर बान्धता, और मेरे मार्ग को सिद्ध करता है।

33 वह मेरे पांवों को पाँवों के समान बनाता है, और मुझे मेरे ऊँचे स्थानों पर खड़ा करता है।

34 वह मेरे हाथों को युद्ध करना सिखाता है, यहां तक ​​कि स्टील का धनुष मेरी भुजाओं से टूट जाता है।

35 तू ने अपके उद्धार की ढाल भी मुझे दी है, और अपके दहिने हाथ ने मुझे थामे रखा है, और तेरी नम्रता ने मुझे बड़ा किया है।

36 तू ने मेरे पांव मेरे नीचे बढ़ा दिए हैं, कि मेरे पांव न फिसले।

37 मैं ने अपके शत्रुओं का पीछा करके उन्हें पकड़ लिया, और जब तक वे नाश न हुए, तब तक मैं फिर न फिरा।

38 मैं ने उनको ऐसा घायल किया है कि वे उठ नहीं सकते; वे मेरे पांवों तले गिरे पड़े हैं।

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